इंतिहा ये है कि 'फ़ानी' दर्द अब दिल हो गया तुम ने अच्छा ही किया मुझ से किनारा कर के मंज़र लखनवी टैग : दिल शेयर कीजिए मियाँ ये आशिक़ी इज़्ज़त बिगाड़ देती है…” हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। जहां तुम्हारे अपने अकेला छोड़ जाएंगे। तन्हाई https://youtu.be/Lug0ffByUck