यह हर रात होती थी।कभी कभी एक दो दिन नहीं होती थी। फिर कभी कभी एक हफ्ते भी नहीं रहती थी लेकिन किसीना किसी दिन फिरसे घटती थी। लेकिन उस आत्मा ने मुझे कोई परेशानी नही दी। बस अपने आप रसोई में आती जाती रहती थी। अंत में वे गुफा https://rahasyamaya.com/category/bhoot-ki-kahani/